कौशांबी
कभी तराई क्षेत्र में हाफिजुल्ला का लूट-पाट कर लोगों में आतंक फैला रखा था। लोग उसके नाम से ही कांपते थे। लेकिन उस पर कई साल बाद तत्कालीन मंत्री ने लगाम लगाई थी। यदि ये कहा जाय कि इस समय हाफिजुल्ला को भी कोई पीछे छोड़ रहा है तो वो है तराई वाले गुरुजी। भले ही परिषदीय विद्यालय एक नही बल्कि कई महीनों बाद खुले हो लेकिन तराई के एक ऐसे नेता जी है तो प्राइमरी विद्यालय में अध्यापक है अधिकतर अपने कामों को लेकर खासा चर्चा में रहते है। आखिर चर्चित क्यों न हो उनके कारनामे भी अजब-गजब रहा करते हैं।
मालूम हो उनका विद्यालय में भले ही बच्चों को पढ़ाने में मन न लगता हो या भले ही बच्चों की संख्या उनके विद्यालय में कम हो लेकिन अधिकारियों के बीच मे अपने कारनामों को लेकर खासा चर्चित रहते हैं। यहीं तक सीमित थे तब तक तो ठीक था अब तो हद ही हो गई राजनीतिक गलियारे से जो चर्चा निकलकर आई है वो काफी चौकाने वाली है। गुरु जी का राजनीति के लॉग-लपेट में भी आगे निकल गए हैं। इतना ही नही तराई वाले गुरु जी लाखों रुपया हजम कर बड़े बड़े नेताओं को भी पीछे छोड़ दिया है।