नहीं थम रहा बसों में किराए की लूट, आरटीओ मौन

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रिपोर्ट रजनीकांत विश्वकर्मा 

 

👉 विद्यालयों में भी जमकर मनमानी, गत दिवस सेंट मैरी स्कूल में एक बच्ची हुई थी घायल

 

रीवा जिले में बस संचालकों की मनमानी और लूट लंबे समय से जारी जो कि थमने का नाम नहीं ले रहा है। यात्रियों का लगातार शोषण हो रहा है और जिम्मेदारों द्वारा खानापूर्ति कर कार्यवाही का पल्ला लगातार झाड़ रहे हैं। बता दें कि इन दिनों महाकुंभ 2025 में शामिल होने के लिए लाखों-करोड़ों की संख्या में विभिन्न जिलों से श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। ऐसे में रीवा जिले में उपलब्ध बसों में संचालक द्वारा किराए के नाम पर श्रद्धालुओं से जमकर लूट कर रहे हैं। जहां इस पर रोकथाम लगाने हेतु कोई देखने सुनने वाला नहीं है। बता दें कि बसों में क्षमता से ज्यादा यात्रियों को बैठाया जा रहा है और इसके साथ मनमानी किराया भी वसूल रहे हैं। वसूले गए राशि के नाम पर फर्जी रसीद थमा दिया जाता है जिसके ऊपर ना तो यात्रा का विवरण लिखा होता है और ना ही बस के संबंध में जानकारी लिखा हो। रीवा आरटीओ का कहना है कि 1.25 पैसे प्रति किलोमीटर यात्रा का शुल्क लिया जाए इसके लिए बसों में किराया सूची चस्पा होना चाहिये। लेकिन किसी भी प्रकार से मापदंड – नियमों का पालन नहीं हो रहा है। सड़कों में बिना फिटनेस की बसें दौड़ रही है व सवाल पूछने पर यात्रियों श्रद्धालुओं के साथ जमकर गुंडागर्दी अभद्रता भी किया जा रहा है। ऐसे में श्रद्धालुओं का कहना है कि जहां उत्तरप्रदेश प्रयागराज में भव्य कुंभ के अवसर पर उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा चुस्त दुरस्त व्यवस्थाएं है। Cm योगी की ओर से श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क एवं पर्याप्त बसें उपलब्ध करवाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश के रीवा में यात्रा के नाम पर बस संचालकों द्वारा किए जा रहे अभद्रता-किराए की लूट रीवा आरटीओ को आईना दिखाने का काम कर रही है।

 

इसी प्रकार से जिले के कई प्राइवेट विद्यालयों में भी शासन द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन को ठेंगा दिखाया जा रहा है। छात्र-छात्राओं को खतरे में डालकर अनफिट बसे फर्राटे से सड़कों में दौड़ रही हैं। सुरक्षा के इंतजामों को मजाक बनाकर विद्यालय को चलाया जा रहा है। गत दिवस चाकघाट में संचालित सेंट मैरी स्कूल में एक बच्ची गिरने से गंभीर रूप से चोटिल हो गई थी। जिसका उपचार करवाने हेतु हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पड़ा था। जहां बस के सुरक्षा व्यवस्था और मापदंडों को कटघेरे में खड़ा किया जा रहा था। हालांकि सैंट मेरी स्कूल चाकघाट में फैली व्यवस्था समय-समय पर उजागर होता रहता है। लेकिन सुधार के लिये कोई प्रयास देखने को नहीं मिलता हैं।

चाकघाट – त्योंथर

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