भगवान राम को न मानने का परिणाम है रावण की दुर्दशा, बदायूं में बोलीं शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी

रिपोर्ट संदीप वर्मा

माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने रामचरित मानस पर छिड़े घमासान के बीच कहा कि जिसमें मनुष्यता होगी, वह राम का विरोध नहीं करेगा। रामचरित मानस आस्था का ग्रंथ है और मानवता की राह पर चलने की सीख देता है। उन्होंने रामचरित मानस को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और महंत राजू दास के बीच हुई मारपीट पर कहा कि भगवान राम को न मानने का परिणाम है कि रावण की दुर्दशा हुई। राजनीतिक फायदे के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य ने मानस पर विवादित टिप्पणी की है।

जिले की प्रभारी मंत्री गुलाब देवी बदायूं में पीडब्ल्यूडी गेस्टहाउस में पत्रकारों से बात कर रही थीं। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस जैसा धर्मग्रंथ मानवता के गुणों से परिपूर्ण है और मनुष्यता की राह पर चलने की सीख देता है। मनुष्य तो हम सब हैं लेकिन मनुष्यता कितनों में है। रामचरित मानस हमारी आस्था है और इसको न मानने वालों के दिलों में खोखलापन है। मानस पर टिप्पणी करने वाले सिर्फ राजनीति के तहत बयानबाजी कर रहे हैं। स्वामी प्रसाद की बेटी व बदायूं सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य की ओर से दिए बयान पर उन्होंने कहा कि वे क्या कहती हैं, इस पर मुझे कोई बयान नहीं देना है। मानस की पवित्रता पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है।

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