Sभारत 24 NEWS January 27, 2023
संजय सिंह
आजमगढ़। दहेज हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपी पति तथा देवर को दस-दस वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को बाईस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में आरोपी ननद को दोषमुक्त कर दिया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर छह रामानंद ने शुक्रवार को सुनाया।
अभियोजन कहानी के अनुसार बलिया जनपद के रसड़ा कस्बे के गौरैया स्थान निवासी सतीश चंद्र गुप्ता की बहन निशा उर्फ सन्नो की शादी हरिनाथ पुत्र सरजू निवासी ईश्वर पुर थाना अतरौलिया आजमगढ़ के साथ अप्रैल 1999 में हुई थी। शादी के बाद पचास हजार रुपए दहेज की मांग को लेकर ससुराल में निशा का उत्पीड़न होने लगा। अंततः 29 अप्रैल 2002 को ससुराल में निशा की मिट्टी का तेल छिड़ककर जला कर हत्या कर दी गई।
इस मामले में मृतका निशा के भाई सतीश गुप्ता ने ससुरलवालों के विरुद्ध दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। दौरान मुकदमा सास तथा ससुर की मृत्यु हो गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता श्रीश कुमार चौहान ने वादी समेत सात गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया।
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पति हरिनाथ तथा देवर रामनाथ को दस-दस वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को बाईस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।जबकि पर्याप्त सबूत के अभाव में आरोपी ननंद को दोषमुक्त कर दिया।