रिपोर्ट कृष्णजीत यादव
एक यात्री से 20 रुपये के लिए रेलवे 21 साल से कानूनी जंग लड़ रहा है। इस जंग में यूपी में जिला उपभोक्ता फोरम ने यात्री के हित में फैसला सुनाया। आयोग ने पूर्वोत्तर रेलवे को 20 रुपये पर 12 प्रतिवर्ष भुगतान के साथ 15 हजार हर्जाना देने का आदेश दिया है। रेलवे ने राज्य उपभोक्ता फोरम से स्थगन आदेश ले लिया।
मामला 25 दिसंबर 2001 का है। मथुरा के निवासी अधिवक्ता तुंगनाथ चतुर्वेदी को साथी के साथ ट्रेन से मुरादाबाद जाना था। उन्होंने पूर्वोत्तर रेलवे के बुकिंग क्लर्क से दो टिकट लिए। प्रति टिकट 35 रुपये का था। उन्होंने बुकिंग क्लर्क को सौ रुपये दिए। रेलकर्मी ने 70 रुपये काटने के बदले 90 रुपये काट लिए। अतिरिक्त वसूले बीस रुपये नहीं लौटाए।
रेलयात्री ने जिला उपभोक्ता आयोग मथुरा में पूर्वोत्तर रेलवे, बुकिंग क्लर्क पर केस दर्ज कराया। 21 साल तक मामला चला और गत पांच अगस्त 2022 को रेलयात्री के पक्ष में फैसला सुनाया गया था। सीपीआरओ पंकज सिंह ने बताया कि ऐसे मामलों के लिए रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल है। यात्री नियमानुसार वापसी ले सकता था। आयोग ने निचली अदालत के आदेश पर स्टे दे दिया है।