मऊ रिपोर्ट संजीव राय
अरे यह क्या अपनी ही पार्टी के कार्यक्रम में आए पार्टी के मुखिया और सरकार के मंत्री को अपने ही कार्यकर्ता पर गुस्सा आ गया और मंत्री जी ने गुस्से में माइक उठाकर फेंक दिया और इतना ही नहीं उन्होंने कार्यक्रम से बिना संबोधन के जाने की बात की लेकिन वहां मौजूद कुछ लोगों ने जब मंत्री जी से माफी मांगी और उन्हें रोका तब वे रूके और फिर बात करने को तैयार हुए।
मामला है मऊ जनपद के हिन्दी भवन के सभागार का। जहां निषाद समाज पार्टी के लोगों के साथ बैठक करने के साथ कई महत्वपूर्ण पहलू लेकर उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री (मत्स्य विभाग) डॉ संजय कुमार निषाद आए थे। मंत्री जी सरकारी प्रोटोकॉल के मुताबिक सुबह-सुबह बनारस में बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर गाजीपुर होते हुए मऊ के पीडब्ल्यूडी के डाक बंगले में आए और वहां कुछ देर रूकने के बाद हिन्दी भवन के सभागार में प्रेस वार्ता, जनता दर्शन, विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक, स्थानीय भ्रमण व अन्य कार्यक्रम आरक्षित कर लंच करने वाले थे।
वे आते ही सबसे पहले पत्रकारों को सम्बोधित किए और कहे कि ओमप्रकाश राजभर हमारे बड़े भाई हैं तथा पिछड़ों के नेता हैं। उन्हें कुछ लोग बहका देते हैं तो वे बहक जाते हैं। वे हमारे साथ आना चाहे तो उनका स्वागत है। जब पत्रकारों ने उनसे मऊ में आए भयंकर बाढ़ और वहां के लोगों की समस्याओं के बारे में पूछा तो उन्होंने इस पर कन्नी काट लिया। इसी दौरान प्रेस वार्ता खत्म होने के बाद जब वे कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो एक कार्यकर्ता बीच में कुछ पूछा तो मंत्री जी उससे नाराज हो गए और नाराज इतना हुए कि बोलते बोलते माइक को नीचे फेंक दिया।
फिर बाद में मौजूद लोगों में कुछ लोग माफी मांगते हुए खेद प्रकट किए और सम्बोधन शुरू करते हुए अपनी बात कहें और पार्टी को मजबूत करने बल दिया। ऐसे में मंत्री जी का भरी सभा में कार्यकर्ता के प्रति यह गुस्सा कितनी जायज है तो भरी सभा और वायरल हो रहा यह समाचार और वीडियो मंत्री जी का समाज को जोड़ने में कितना कारगर साबित होगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा।