“करवाचौथ विशेष ”
तेरा होना मुझे अपनेपन का एहसास दिलाता है।
तेरा एहसास मुझमे नई उमंगे जगाता है॥
तुझसे लड़ना-झगड़ना भी मेरे जीवन में नए रंग भरता है।
जीवन का हर क्षण तेरे संग ही नई यात्रा करता है॥
तेरा होना ही मुझे समय की प्रतीक्षा सिखाता है।
तेरे दो मीठे बोल से मेरा मन झूम जाता है॥
रूठने पर हमेशा तेरे ही मनाने का इंतज़ार करती हूँ।
तेरी याद में डूबकर सपनों के नए ताने-बाने बुनती हूँ॥
तेरे पसंद-नापसंद के आसपास ही हमेशा घूमती हूँ।
तेरी छवि के साथ ही हर एक तराने पर झूमती हूँ॥
मेरे मस्तिष्क में हमेशा तेरी ही उपस्थिती रहती है।
तेरी याद में यह आँखें कभी चुपके-चुपके से रोती है॥
तेरी यादों का रिश्ता ही मेरी सोच में रहता है।
समय के साथ प्रीत का बंधन और भी गहरा होता है॥
भागती-दौड़ती जिंदगी में तेरी बेवजह बातें ही तो प्यार है।
तेरा मेरे जीवन में होना ही तो मेरा सच्चा श्रृंगार है॥
तुझसे मिले प्यार, यह मैं बेहिसाब चाहती हूँ।
मेरी हर बीमारी में तेरे साथ की दवा चाहती हूँ॥
मेरे जीवन को सिर्फ तेरी मुस्कराहटों की प्यास है।
तेरे संग यूं ही मेरी जिंदगी बीतती रहे यही मेरी आस है॥
हर सुख-दु:ख में हाथ थामे रखना यह तुम्हारी ज़िम्मेदारी है।
आज के इस जमाने में बड़ी असुरक्षा और भीड़ भारी है॥
तेरे मिलने के बाद ही तो प्यार से प्यार हुआ है।
पता नहीं कैसे एक अजनबी पर इतना एतबार हुआ है॥
तुझसे मेरा लगाव न कसमों और वादों का बंधन है।
(प्रयागराज ब्यूरो चीफ S भारत24 न्यूज s. kumar)