शीर्षक – दुःखडा है सबका अपना अपना

दिनांक 09/10/022(रविवार)

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शीर्षक – दुःखडा है सबका अपना अपना

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दुःखडा है सबका अपना अपना, तेरा दुःखडा कौन सुनेगा।

अपना दुःखडा मत तू बता,दुःखडा तेरा मजाक बनेगा।।

दुःखडा है सबका अपना अपना——————-।।

 

कौन चाहता है आँसू बहाना, मुसीबत में खुद को फंसाना।

बर्बाद अपने घर को करना, औरों के लिए जान गंवाना।।

चाहिए सबको दौलत, कौन तेरे लिए दौलत खर्च करेगा।

अपना दुःखडा मत तू बता,दुःखडा तेरा मजाक बनेगा।।

दुःखडा है सबका अपना अपना——————-।।

 

अपने अपने ख्वाब है सबके, सबका कोई अपना राग है।

चाहता नहीं कोई बदनाम होना,सबके सीने में आग है।।

चाहिए सबको ऐशो आराम,नहीं मुफ्त में कोई मदद करेगा।

अपना दुःखडा मत तू बता, दुःखडा तेरा मजाक बनेगा।।

दुःखडा है सबका अपना अपना—————–।।

 

परिवार से जो नहीं है वफा, उससे बड़ा कौन स्वार्थी होगा।

जिसके लिए दौलत ही ईश्वर है, उससे बड़ा कौन बेरहमी होगा।।

सबको अपनी खुशी है प्यारी, खुशियां तुमपे कौन कुर्बान करेगा।

अपना दुःखडा मत तू बता, दुःखडा तेरा मजाक बनेगा।।

दुःखडा है सबका अपना अपना——————-।।

 

 

 

 

शिक्षक एवं साहित्यकार-

गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद

तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

मोबाईल नम्बर- 9571070847

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