भारत माता अभिनंदन संगठन के तत्वधान में भारत माता अभिनंदन महोत्सव पर विराट कवि सम्मेलन आयोजित हुआ – अशोक गोयल

 

 

मीडिया प्रभारी गुरुदीन वर्मा की रिपोर्ट

बारां राजस्थान

भारत माता अभिनंदन संगठन के तत्वाधान में भारत माता अभिनंदन महोत्सव पर एक विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार राष्ट्रकवि अशोक गोयल ने की मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि सुदेश यादव दिव्य जी रहे।

वंदना अरुणा पवार जी ने कर कार्यक्रम को गति प्रदान की।

संचालन जिला अध्यक्ष नीलम मिश्रा ने बड़े सुचारु रूप से कियाl जिला अध्यक्ष नीलम मिश्रा तरंग ने सभी का स्वागत किया,कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ कवि अशोक गोयल ने संस्था के उद्देश्य व कार्यों पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि संस्था 11 सितंबर को भारत सरकार भारत माता अभिनंदन उत्सव के रूप में घोषित करें। मीडिया प्रभारी गुरुदीन वर्मा के अनुसार मंच के मुख्य अतिथि डा. सुदेश यादव दिव्य ने कहा-तन्हा तन्हा ठोकर खाता रहता हूं,मैं बिछडों को ही मिलवाता रहता हूं। कवि अशोक गोयल ने अपनी रचना को कुछ ऐसे प्रस्तुत किया मैं भारतवर्ष का हरदम अमित सम्मान करता हूं यहां की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूंlनीलम मिश्रा ने कहा -मोहब्बत हो गयी थी और हम अनजान बैठे थे

हुआ एहसास तब हमको हर बंदे में रब ढूंढा। कवि कुमार आदेश शिखर कहते हैं कि जो बिक जाए बाजारों में कलम सस्ती नहीं मेरी, झुकी अन्याय के आगे कभी हस्ती नहीं मेरीlरचना सिंह वानिया कहती हैं -माँ मेरी है जीवनदाता,ममता का भंडार हैं,माँ से बढ़कर कोई नहीं है माँ पूरा संसार हैं,,नन्दिनी रस्तोगी नेहा’ ने कहा -वो कहते रहे हीरा हमें औ हम उन्हें कोहिनूर ।वह कहते रहे चांद हमें हम उन्हें जीवन का नूर।

ऊषा भिड़वारिया”सरगम”

पैर की पायल बोले,माथे का टीका डोले।तेरे तन की खुशबू,बहारों में होले।।ओ सावरें,ओ सावरेंlरामकुमारी ने कहा

ये भारत की भूमि, ये भारत देश हमारा है।

संस्कृति की खुशबू से महका एक सितारा हैअरुणा पवार ने कहा-

अंत समय में हे भगवन देना तट मुझे गंगे का।

कुश तुलसी की चाह नहीं देना कफन तिरंगे का।अंत कार्यक्रम अध्यक्ष कवि अशोक गोयल व नीलम मिश्रा ने सभी का आभार व्यक्त कियाl

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