रोहित सेठ वाराणसी
पुलिस की कार्य प्रणाली शुरू से ही ठीक नहीं थी, इसलिए शासन से सीबीसीआईडी से जांच की मांग की गई थी। 10 फरवरी 2023 को जांच सीबीसीआईडी को ट्रांसफर भी हुई लेकिन आरोपियों की तरफ से पहली CBCID टीम को मैनेज कर लिया गया। पीड़ितों की शिकायत से तत्कालीन महानिर्देशक CBCID ने जांच प्रयागराज टीम को सौंपी लेकिन ढाक के तीन पात अब तक कोई प्रगति नहीं हुई। आरोपियों की माफियाओं के साथ सांठ-गांठ और बड़े स्तर पर मिलीभगत से जांच को प्रभावित करके आरोपियों को बचाया जा रहा है।
विभूति भूषण सिंह की बहन श्वेता रश्मि ने कहा कि इस प्रकरण में पुलिस की कार्यप्रणाली शुरू से ठीक नहीं थी। परिवार पर हत्या का मुकदमा न दर्ज कराने का दबाव बनाया गया। मुकदमा दर्ज हुआ तो जांच सही दिशा में आगे नहीं बढ़ी। इस मामले में प्रस्तुत किए गए साक्ष्य और तथ्यों की अनदेखी की गई। हत्या के मुकदमे को हादसे में बदल दिया गया। परेशान करने के लिए मुकदमे भी दर्ज किए गये। हत्या के पीछे राजस्व का फर्ज़ीवाड़ा और शिक्षा के क्षेत्र में किये गये घोटाले शामिल है। इसलिए प्रदेश सरकार से सीबीसीआईडी जांच की मांग की गई थी। वाराणसी से जांच प्रयागराज यूनिट में टांसफर हुई भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद लेकिन,इस प्रकरण की जांच सीबीसीआईडी प्रयागराज ने भी अभी तक रिपोर्ट नहीं सौपी है। ना कोई प्रगति दिख रही है। प्रार्थनी और सह वादी मुकदमा “विभूति भूषण सिंह” हत्या को लेकर बड़े-बड़े उच्च अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगा चुकी है लेकिन सिर्फ मिला है आश्वासन !! आखिर कब होगी आरोपियों पर कार्रवाई । बड़े-बड़े राजनेताओं के दबाव में आकर प्रशासन अपनी छवि धूमिल कर रहा है। आरोपी अपनी रसूख और बदमाशो के साथ संबंधों को लेकर पीड़ितों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है। निष्पक्ष जांच क्यों नहीं किया जा रहा है