बांदा रिपोर्ट संदीप वर्मा
माफिया अतीक अहमद के परिवार और उसके गुर्गों को शरण देने के मामले में जांच के घेरे में आए पत्रकार के अंडरग्राउंड होने पर पुलिस ने उसके घरों पर रेड मारी है. हालांकि, अभी तक पत्रकार जफर अहमद का कहीं पता नहीं चला है. दरअसल, जफर के मकान के करीब अतीक का पुश्तैनी घर है. ऐसे में माफिया द्वारा उसकी मकान पर कब्जा किए जाने की भी संभावना जताई जा रही है।
एसपी अभिनंदन ने बताया कि अभी जफर पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं है. फिलहाल, पुलिस को उसके पक्ष का इंतजार है.इस दौरान बांदा एसपी का कहना है
कि जफर अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि जिस से भी जफर का संपर्क हो वह उसे बांदा आने की सलाह दें।
ताकि पुलिस पूछताछ करके कार्रवाई को आगे बढ़ा सके. दरअसल, उमेश पाल हत्याकांड में यूपी पुलिस की कई टीमें माफिया अतीक के गुर्गों की तलाश में तेजी से जुटी हुई हैं.वहीं, शूटआउट कांड के बाद प्रयागराज की चकिया में माफिया अतीक की पत्नी और बच्चों के रहने वाले घर
को बुलडोजर से ढहा दिया गया, इस बात की जानकारी भारतवर्ष की टीम ने एसपी अभिनंदन से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि जिस मकान बुलडोजर से ध्वस्त किया गया है वह बांदा के गुलर नाका में रहने वाले जफर अहमद का है।
इसके बाद से जफर का नाम चर्चा में आया है।उसी दिन पुलिस जफर की बहन पूजा के छावनी और नाज परवीन के कूलर नाका स्थित घर पहुंची और जांच-पड़ताल की थी
*बिहार में मिली अतीक के शूटर गुलाम की लोकेशन एस.टी.एफ की टीम रवाना*
प्रयागराज : बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या में शामिल शूटर गुलाम की लोकेशन बिहार में मिली है। अरमान के भी बिहार में छिपने की आशंका जताई गई है। इसी आधार पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और पुलिस की टीम बिहार भेजी गई है।
शूटरों के कई करीबियों को उठाकर पूछताछ की जा रही है। वहीं, असद और गुड्डू मुस्लिम की सही लोकेशन ट्रेस नहीं हो रही है। शूटर साबिर का भी सही पता ठिकाना खोजने में पुलिस नाकाम है। पुलिस का कहना है कि मुठभेड़ में मारा गया शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान सबसे पहले गुलाम से ही मिला था।
इसके बाद वह अतीक गैंग के लिए काम करने लगा था।उसे पैसा और जरूरत की चीजें उपलब्ध करवाई जाती थीं, जिसके बाद वह गिरोह में पूरी तरह से शामिल हो गया था। उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रचने से पहले भी मुस्लिम बोा\डग हास्टल जाता था और वहां गुलाम से मिलता था। सीसीटीवी फुटेज में दुकान के भीतर ग्राहक बनकर जो शख्स पहुंचा था, उसकी पहचान गुलाम के रूप में ही हुई है।