ओमप्रकाश राजभर की रैली स्थल के शुद्धिकरण के लिए किया गया हवन पूजन छिड़का गया गंगाजल क्यू

मऊ रिपोर्ट संजीव राय 

राजनीति में ना किसी का कोई माई है ना किसी का कोई बाप है, और ना ही किसी का कोई चेला है और ना किसी का कोई गुरु है। इस पाठशाला में कब किसको कौन गले लगा ले और कौन किसको गाली दे दे, कुछ भी कहना मुश्किल है। राजनीति के जुबानी जंग का यहां खेल निराली है।

मंगलवार को सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के घोसी विधानसभा क्षेत्र के जिस भूमि पर पार्टी द्वारा आयोजित सावधान यात्रा को संबोधित करके गए थे उसी भूमि पर उनकी पार्टी से अलग होकर बनाए गए, सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मनोज राजभर ने बुधवार को यज्ञ हवन पूजन अर्चन करके कुछ भूमि के शुद्धीकरण हेतु प्रार्थना की।

इस दौरान मनोज राजभर का कहना है कि घोसी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सभा लाखीपुर में मंगलवार को ओमप्रकाश राजभर की 18 अक्टूबर को रैली थी। रैली स्थल का बुधवार की सुबह हवन पूजन करके विधिवत वहां के जमीन और वातावरण का शुद्धिकरण किया गया। उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश राजभर द्वारा मेरे ही जन्म भूमि पर आकर मुझे ही दलीद्र जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश राजभर अपने भाषणों के माध्यम से और सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र राजभर समेत तमाम पदाधिकारियों को राक्षस और रावण का संज्ञा दिए। ओमप्रकाश राजभर इस धरती और वातावरण को कलंकित करके गए हैं। इसीलिए सुबह-सुबह यज्ञ हवन और पूजन हिंदू रीति रिवाज के साथ करके वातावरण को शुद्ध किया गया।

उन्होंने कहा कि पूजन अर्चन के बाद वे जनपद देवरिया विधानसभा के रामपुर कारखाना में एक विशाल सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के तत्वाधान में राजभर चेतना सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश राजभर राजनीति के जोकर हैं हम लोग जानते हैं एक कब और क्या बोलते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे राजनीतिक जोकरों का समाज तो बहिष्कार कर ही रहा है आने वाले दिनों में राजनीतिक दल भी बहिष्कार करने लगेंगे। जब मनोज राजभर से पूछा गया कि कल ओमप्रकाश राजभर के रैली में काफी भीड़ थी तो इस पर उन्होंने कहा कि भीड़ थी लेकिन वह मऊ की भीड़ नहीं थी वह पूरे प्रदेश के लोग आए थे और यूपी 54 की गाड़ियां कम थी इसमें राजनैतिक धन पशु के व्यापारी आए थे वे इस उम्मीद में है कि ओमप्रकाश राजभर का भाजपा से गठबंधन हो जाएगा और वह निगम आदि पदों की बोली लगाने के लिए आगे पीछे लगे हैं। मनोज राजभर ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर का काम है पैसा कमाना और वह पैसा कमा कर राजा बने हुए हैं और उनका अब खदेड़ा होना तय है।

मनोज राजभर ने बकायदे पुरोहित से वैदिक रीति रिवाज से पूजन अर्चन कराने के बाद ओमप्रकाश राजभर द्वारा किए गए स्वाभिमान रैली के पंडाल की शुद्धिकरण की प्रार्थना की गई और आम के पल्लव से सभा स्थल के मंच से लेकर पूरे प्रांगण में गंगा जल छिड़क पवित्र करने का काम किए और पुरोहित को दक्षिणा दे आशीर्वाद लिया। इस कार्यक्रम को लेकर पूरे जनपद में चर्चा व्याप्त है।

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