कफ सिरप से एमपी में बच्चों के मौत की आशंका के बीच यूपी में अलर्ट जारी, बेचने पर रोक

रिपोर्ट संदीप वर्मा
मध्य प्रदेश समेत देश के कुछ राज्यों में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत की खबरों के बाद उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। सहायक आयुक्त औषधि दिनेश कुमार तिवारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों को चेतावनी जारी की है। कोल्डरिफ बनाने वाली कंपनी स्रेसन फार्मासुटिकल्स के सभी कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हर जिले में औषधि निरीक्षकों को आदेश दिए गए हैं कि वे सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर पर कंपनी द्वारा बनाए गए कोई भी कफ सिरप पाए जाने पर उन्हें जब्त कर लें। उनकी बिक्री रोकने की कार्रवाई शुरू करें। नमूना संकलित करें और जांच के लिए नमूने लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में भेजे जाएं। दूसरी तरफ योगी सरकार ने भी सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए और रिपोर्ट आने तक उक्त कफ सिरप का प्रयोग पूर्णतः बंद रखा जाए।
रविवार को सहायक औषधि आयुक्त के स्तर से जारी आदेश में कहा गया है कि मेसर्स स्रेशन फार्मक्यूटिकल द्वारा खास बैच के कोल्ड आरआईएफ़ सिरप में डाईएथिलीन ग्लाइकाल और एथेलिन ग्लाइकाल जैसे विषैले रसायनों की मौजूदगी की आशंका है। ये दोनों रसायन शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं और इनका सेवन जानलेवा साबित हो सकता है।तिवारी ने अपने आदेश में सभी औषधि विक्रेताओं, सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि उक्त बैच के कफ सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग तत्काल रोका जाए। साथ ही दुकानों व अस्पतालों में उपलब्ध स्टॉक का नमूना जांच हेतु लखनऊ स्थित राज्य औषधि प्रयोगशाला में तत्काल भेजा जाए।उन्होंने औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि सभी स्थानों पर औषधि की उपलब्धता की जांच करें और नमूने एकत्र कर ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज करें। निर्माण प्रयोगशालाओं को भी कफ सिरप में प्रयुक्त प्रोपलीन ग्लाइकाल के नमूनों की जांच करने को कहा गया है। अपने आदेश में तिवारी ने कहा कि लखनऊ प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद दोषी उत्पादकों और वितरकों पर आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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