बंगाल मे हिंदुओं के प्रति हिंसा पर ममता सरकार के खिलाफ विश्व हिन्दू परिषद ने खोला मोर्चा

 

जनपद मऊ मे शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के बैनर तले जिलाध्यक्ष पारस मणि सिंह दीपू के नेतृत्व में भारी संख्या में हिन्दू समाज के लोग जुलूस के शक्ल में ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुवे कलेक्ट्रेट पहुंचे और राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौपा। विश्व हिंदू परिषद ने अपने ज्ञापन पत्र के माध्यम से कहा कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में संपूर्ण बंगाल को जिस प्रकार हिंसा की आग में जलाया जा रहा है, हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को निर्बाध रूप से अपने षडयंत्रों को क्रियान्वित करने की खुली छूट दी जा रही है, उससे स्पष्ट लगता है कि बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। मुर्शिदाबाद से प्रारम्भ हुई यह भीषण हिंसा अब संपूर्ण बंगाल में फैलती हुई दिखाई दे रही है। शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने केवल निष्क्रिय ही नहीं अपितु कई स्थानों पर इनका सहायक या प्रेरक बन गया है। इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए, केंद्र सरकार को प्रशासन का नियंत्रण व संचालन अपने हाथ में लेकर राष्ट्र विरोधी व हिंदू विरोधी तत्वों को उनके कुकर्मों के लिए कठोरता सजा दिलवानी चाहिए। मुस्लिम भीड़ द्वारा 11 अप्रैल, 2025 को वक्फ कानून के विरोध के नाम पर किया गया हिंसक प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं अपितु हिंदुओं पर हिंसक आक्रमण के रूप में था जबकि हिंदू समाज का इस कानून के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी और यह एक शुद्ध संवैधानिक प्रक्रिया थी । इसका स्पष्ट अर्थ है कि वक्फ तो केवल बहाना था, असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था। इस उन्मादी जिहादी भीड़ ने हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और व्यावसायिक दुकानों को लूटकर जलाया, सैकड़ो हिंदुओं को बुरी तरह घायल किया व तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई। दर्जनों महिलाओं के शीलभंग भी किए गए। परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा। उनके पास जाकर उनकी चिंता एवं सहायता करने की अपेक्षा सुश्री ममता बनर्जी दंगा भड़काने वाले इमामो से मिल रही है जिनमें से एक इमाम ने एक दिन पहले ही धमकी दी थी कि “अगर ममता बनर्जी ने उनका साथ नहीं दिया तो वह उसकी औकात बता देंगे।” अब ये सारे तथ्य सामने आने पर यह समाचार मिल रहा है कि ममता जी अब शरणार्थियों को सुविधा देने की जगह उनको वापस जेहादियों के सामने जबरन परोसने का षड्यंत्र कर रही है। कहा कि

ममता सरकार भारत के संघीय ढांचे को बंगाल में ध्वस्त कर अपनी सरकार और वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है। बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है ।बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को निर्बाध रूप से आने दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पाकिस्तानी तथा बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ती जा रही है। हिंदुओं के प्रति हिंसा बढ़ती जा रही है और न्यायालय के आदेश पर ही हिंदू त्योहारों को अनुमति मिल पाती है। उनको सुरक्षा देने वाले अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाया जाता है। हिंदू का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है।तृणमूल के असामाजिक तत्व व जिहादी गुंडो के नियंत्रण व निर्देश पर ही प्रशासन काम करने के लिए विवश है। बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए जिसे ममता बनर्जी ने रोका हुआ था। इस दौरान जिलाध्यक्ष पारसमणी सिंह, जिला उपाध्यक्ष राम प्रवेश सिंह, जिला मंत्री अंकित बरनवाल, जिला सेवा प्रमुख मधु पांडेय, जिला मंत्री चंदन शर्मा, जिला कोषाध्यक्ष प्रवीण गुप्ता, जिला गोरक्षा प्रमुख बबलू गोड़, जिला संयोजक प्रियांशु सिंह, तेजस हिमांशु, अंशु, अनमोल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *