गाड़ियां प्रदूषण की कारण नहीं, प्रदूषण का कारण सरकार की औद्योगिक नीति :लोकदल

रिपोर्ट संदीप वर्मा 

 

👉 15 वर्ष से ऊपर सरकारी बसों,सरकारी कारों,चिमनियों से होने वाले प्रदूषण को रोके सरकार 

 

👉 पहले अवैध उद्योग धंधे से होने वाले प्रदूषण को रोके सरकार

 

 

 

लखनऊ

अप्रैल से राजधानी में 15 साल पुरानी गाड़ियों नहीं दौड़ें जाने को लेकर

लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है पहले अपनी सरकारी डग्गामार रोडवेज की बसें जो लगभग 30 वर्षों से सड़कों पर दौड़ रही है,सरकारी पुरानी कारों बंद करे जो सड़कों पर कई वर्षों से चल रही है। पॉल्यूशन हाई राइज बिल्डिंग, होटल और कमर्शियल एक्टिविटी , अवैध उद्योग धंधों, ईट के भट्टे को चलाने से हो रहा है न कि पुराने वाहनों से ।

 

सिंह ने यह भी आरोप लगाया है कि मध्यम वर्ग के लोगों को वाहन खरीदने में पूरा जीवन लग जाता है। सरकार की कुनीतियों के कारण कार की किश्तें भरते- भरते आधा जीवन निकल जाता है, ऐसे में 15 वर्ष से ऊपर हो रहे वाहनों को बंद करना ठीक नहीं है।

 

सरकार मध्यम वर्ग के लोगों को परेशान करके नए-नए नियम और नीतियों को लाकर जनता के ऊपर टैक्स कमाने और उनपर टैक्स भरने का बोझ डाल रही है। एक तरफ मध्यम वर्ग को वाहन खरीदने के लिए पैसे नहीं है। इस महंगाई में नए वाहन को खरीदे जाने का दबाव बनाया जा रहा है। जबकि अमेरिका में 50 वर्षों से भी ज्यादा पुरानी गाड़ियां आज भी चल रही हैं। गाड़ियां प्रदूषण के कारण नहीं है प्रदूषण का कारण सरकार की औद्योगिक नीति है अवैध उद्योगों को बंद किया जाना चाहिए। जिस पर सरकार का विशेष रूप से ध्यान होना चाहिए। सरकार को इस तरह के फैसले से बचना चाहिए। टैक्स की लालच में कंपनी के साथ मिलकर उनको कार डीलर और प्रॉपर्टी डीलर नहीं बनना चाहिए।

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