विद्युत अफसरो की तानाशाही से विधुत उपभोक्ता परेशान

क्राइम रिपोर्टर कृष्ण जीत यादव

उपभोक्ता फोरम द्वारा दिए गए आदेश को मानने के बजाय मनमानी करने पर उतारू विद्युत अधिकारियो पर कौन लगाए गा अंकुश*

हर्रायपुर कौशाम्बी

विद्युत विभाग के अधिकारियों के तानाशाही पूर्ण रवैया के चलते जिले के विद्युत उपभोक्ता परेशान हो गए हैं विद्युत अधिकारियों की तानाशाही के तमाम मामले की रोज चर्चाएं होती हैं इतना ही नहीं अदालत द्वारा दिए गए आदेश का पालन भी विद्युत अधिकारी करने को कतई तैयार नहीं है उपभोक्ता फोरम द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं के आवेदन पर दिए गए आदेश को भी विद्युत अधिकारी नहीं मानते हैं सवाल उठता है कि विद्युत विभाग के अधिकारियों की तानाशाही पूर्ण हिटलर शाही रवैया कब तक चलता रहेगा और तानाशाह अधिकारियों से विद्युत उपभोक्ताओं को कब निजात मिलेगा विद्युत अधिकारियों के तानाशाही के चलते कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही और विद्युत उपभोक्ता परेशान है अदालत के निर्देशों की धज्जियां उड़ाने के मामले में विद्युत विभाग के तमाम मामलों में एक मामले का उदाहरण ही विभागीय व्यवस्था को बेनकाब करने के लिए पर्याप्त है जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग परिवाद संख्या 08 /2024 में वहाबुन पत्नी स्वर्गीय अब्दुल वहाब निवासी ग्राम मुजाहिदपुर मूरतगंज के वाद में दिए गए निर्णय को कई महीने बाद भी विद्युत अधिकारी मानने को तैयार नहीं है जिससे उनकी तानाशाही जग जाहिर है आयोग ने 12/06/2024 को आदेश दिया कि परिवर्तनी का परिवार आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है विपक्षी की तरफ से निर्गत विद्युत बिल विच्छेदन पर्ची संलग्न 06 एवं 07 को निरस्त किया जाता है विपक्षी बिजली विभाग को आदेशित किया जाता है कि परिवर्तनी के परिसर में मीटर लगाने की तिथि दिनांक 10 /12 /2020 से विच्छेदन शुल्क भुगतान की तिथि दिनांक 10 /11 /2022 तक का मीटर रीडिंग अथवा 1 किलो वाट के अनुरूप संशोधित विद्युत बिल अंदर माह उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें इस दौरान जमा विद्युत बिलों का संयोजन संशोधित विद्युत बिल से किया जाएगा ततपश्चात परिवधानी के पति का नाम एवं बकाया धनराशि विद्युत अभिलेख के जारी दोनों खातों से अभिलंब काट दिया जाए जिस पर निर्देश दिया था लेकिन अभी तक अदालत के आदेश को विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता उप खण्ड अभियंता अवर अभियंता ने नहीं माना है जिससे उनकी तानाशाही का अंदाजा लगाया जा सकता है अदालत का आदेश मानने में भी बिजली विभाग में मोटी रकम की वसूली होती है और जिस उपभोक्ता ने उनकी जेब गर्म कर दी उसका तो ठीक है वरना अदालत का आदेश इनके बालाएं तेज पर है तानाशाही करने वाले विद्युत अधिकारियों को निलंबित कर इन पर अनुशासनहीनता की कार्यवाही किए जाने की मांग पीड़ित परिवार ने शासन प्रशासन से की है

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