जनपद मऊ के जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में जिला वृक्षारोपण, पर्यावरण एवं जिला गंगा समिति तथा गो आश्रय स्थल की जनपद स्तरीय अनुसंधान, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में प्रवाहित हो रही सरयू एवं तमसा नदी में ठोस एवं द्रव्य पदार्थों को प्रभावित न होने के लिए नगर पालिका एवं समस्त नगर पंचायत तथा ग्राम पंचायत इसका विशेष ध्यान दें, जिससे कि नदियों की शुद्धता बनी रहे। जिलाधिकारी ने जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया कि नदियों के किनारे जैविक खेती के प्रति किसानों को जागरुक कर अधिक से अधिक जैविक खेती कराएं। इसके अलावा जिलाधिकारी ने मत्स्य अधिकारी एवं कृषि अधिकारी को निर्देश दिए कि पकड़ी लाल, लाल रतोय एवं नरजा लाल के संरक्षण एवं व्यापार के उद्देश्य से मखाना की खेती, सिंघाड़ा एवं मत्स्य पालन कराएं। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए कि नदियों के किनारे स्थित गंगा ग्रामों में ठोस एवं द्रव्य अपशिष्ट पदार्थ का प्रबंधन करना सुनिश्चित करें। नदियों के किनारे हो रहे हैं भूमि अतिक्रमण के संबंध में अधिशासी अभियंता सिंचाई को जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि अभियान चलाकर अतिक्रमण हटवाए जाने की कार्रवाई करें। बायोमेडिकल वेस्ट की सूचना निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध न कराए जाने पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि तत्काल सूचना उपलब्ध करा दें। जिलाधिकारी ने समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल शक्ति अभियान कैच द रेन को गति और मजबूत करने के लिए जल संचय जन भागीदारी माननीय प्रधानमंत्री द्वारा जल संरक्षण हेतु सरकारी निकायों, उद्योगों सहित नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों का कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं/बोरवेल पुनर्भरण/ पुनर्भरण शाफ्ट के निर्माण पर सुनिश्चित किया जाए, जिससे जल भंडारण और भूजल पुनर्भरण को बढ़ाने में मदद मिले। इसके अलावा जिलाधिकारी द्वारा राजस्व विभाग ल, ग्राम विकास विभाग, नगर विकास विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग और वन विभाग को निर्देशित किया गया कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा तालाब, झील एवं अन्य वाटर बॉडी की ग्रामवार एवं गाटावार सूचना दर्ज करने के साथ ही इन पर हुए अवैध कब्जे के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए न्यायालय को सूचना उपलब्ध कराया जाना है, जिसके लिए संबंधित विभाग यथाशीघ्र सूचना को राजस्व परिषद के वेबसाइट पर उपलब्ध करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा जिलाधिकारी द्वारा गो आश्रय स्थल की समीक्षा बैठक के दौरान माननीय मुख्यमंत्री सहभागिता योजना, गोचर भूमि, गो आश्रय पोर्टल, नेपियर घास, निराश्रित गोवंशों के संरक्षण साहित्य अन्य बिंदुओं की समीक्षा की गई। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी नवीन वर्मा ने बताया कि जनपद में गो आश्रय स्थलों की संख्या 53 है, तथा अस्थाई गो आश्रय स्थल की संख्या 44 है, जहां एसएफसी पुलिंग कराई गई है।
जिलाधिकारी द्वारा सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी गो आश्रय स्थलों पर केयरटेकर नियमित रूप से उपस्थित रहकर पशुओं की देखभाल करें। इसके अलावा सभी खंड विकास अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि अपने संबंधित गो आश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण करते रहें, जिससे कर्मियों का पता चल सके और समय से कर्मियों का निस्तारण किया जा सके। पशुओं के लिए हरे चारे उगाएं जाने के लिए भूमि का चिन्हीकरण करते हुए समस्त खंड विकास अधिकारी इस कार्य को जिम्मेदारी के साथ सुनिश्चित करें।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत नागर, वन अधिकारी पीके पाण्डेय, परियोजना निदेशक रामबाबू त्रिपाठी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष उपाध्याय, जिला पंचायत राज अधिकारी किरण वर्मा, समस्त पशु चिकित्सा अधिकारी एवं समस्त खंड विकास अधिकारी उपस्थित रहे।