ब्यूरो रिपोर्ट संजय सिंह
आजमगढ़। ग्रामीण न्यायालय के गठन के विरोध में मंगलवार को अधिवक्ताओं की महापंचायत दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ आजमगढ़ के सभागार में हुई। प्रदेश के कई जनपदों से आए अधिवक्ताओं ने ग्रामीण न्यायालय के गठन का घोर विरोध किया। इस संबंध में चल रहे आंदोलन को कई चरणों में जारी रखने का निर्णय लिया। बताते चलें कि ग्रामीण न्यायालय के गठन विरोध में दीवानी कचहरी के अधिवक्ता एक फरवरी से लगातार हड़ताल पर हैं। इससे पूर्व दीवानी कचहरी के अधिवक्ता मंगलवार को सुबह शासन विरोधी नारा लगाते हुए पूरे दीवानी न्यायालय परिसर में जुलूस की शक्ल में चक्रमण किये। तत्पश्चात महापंचायत में कई जनपदों से आए अधिवक्ताओं ने ग्रामीण न्यायालय के विरोध में चल रहे आंदोलन को अपना समर्थन दिया और इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल करने का सुझाव दिया। इस महापंचायत में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि प्रदेश के सभी जनपदों में न्यायिक अधिकारियों की भारी कमी है। जिसे तत्काल भरा जाए। ऐसी स्थिति में जब तक दीवानी कचहरी में सभी न्यायिक अधिकारियों के पदों को भरा नहीं जाता तब तक ग्रामीण न्यायालय में न्यायिक अधिकारी न भेजे जाए।
अधिवक्ताओं ने सरकार को चेताया कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आगामी चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया जाएगा। इस महापंचायत में यह भी निर्णय लिया गया कि ग्रामीण न्यायालय के गठन के विरोध में प्रदेश भर के अधिवक्ता संगठन प्रत्येक शनिवार को न्यायिक कार्य नहीं करेंगे। महापंचायत में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य हरिशंकर सिंह, विनोद कुमार पांडेय तथा देवरिया, कुशीनगर, गोंडा, बलरामपुर, मऊ, मिर्जापुर समेत कई जनपदों के अधिवक्ता संगठनों से भारी संख्या में अधिवक्तागण एवं पदाधिकारीगण शामिल हुए। इसके अलावा दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह, शिव गोविंद यादव, दयाराम यादव, सूबेदार यादव, प्रभाकर सिंह, ओम प्रकाश मिश्रा, अरुण कुमार श्रीवास्तव, पूर्व मंत्री अनिल कुमार सिंह, राजेश सिंह पाराशर, प्रमोद कुमार सिंह, वीरेंद्र प्रताप सिंह, समेत सैकड़ो अधिवक्ता शामिल हुए। इस महापंचायत की अध्यक्षता दीवानी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार पांडे ने तथा संचालन संघ के मंत्री आनंद श्रीवास्तव ने किया।