रिपोर्ट रोहित सेठ
वाराणसी व्यापार मंडल की एक बैठक कार्यालय पर अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा के नेतृत्व में हुआ जिसमें व्यापारियों ने एमएसएमई व्यापारियों के लिए सरकार द्वारा नए नियम लाने का घोर विरोध किया गया है अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने नियम को विस्तार से बताते हुए कहा कि *इनकम टैक्स में इस वर्ष लागू हो रहा है व्यापारी और उद्यमियों के लिये सबसे घातक बदलाव- यदि 31.3.24 को ऐसे सप्लायर्स के बिलों का भुगतान बकाया रह जाता है जो माइक्रो या स्माल एंटरप्राइजेज हैं, तो यह बकाया राशि आपकी इनकम मानी जायेगी, और उस पर इनकम टैक्स देय होगा
भारत सरकार ने 2023 -24 के बजट में माइक्रो और स्माल उद्यमियों के हितों की रक्षा के लिए उनके द्वारा उपलब्ध कराई गई किसी भी वस्तु या सेवा के बिल का भुगतान 15 दिन या किसी एग्रीमेंट के कारण अधिकतम 45 दिन में करना अनिवार्य कर दिया है। *यदि किसी माइक्रो, स्माल उद्यमी का कोई भी भुगतान 31 मार्च की बैलेंसशीट में अनपेड रहता है, तो उतनी राशि क्रेता की आय में जुड़ जाएगी, और जिस वित्तीय वर्ष में वास्तविक payment होगा उस वर्ष की आय में से ही घटाई जा सकेगी ।
इस प्रावधान के अनुसार कोई भी खरीददार चाहे वो स्वयं माइक्रो -स्माल हो या नही, सरकार के पोर्टल पर रजिस्टर हो या नही, यदि उसने किसी माइक्रो या स्माल एंटरप्राइजेज से कोई भी परचेज या सेवा ली है, तो उसका भुगतान उसे 15 दिन या लिखित एग्रीमेंट (चाहे वो कितने भी लम्बे समय के लिए किया गया हो) अधिकतम 45 दिन में करना होगा।
*टैक्स औडिट में सीए का यह दायित्व होगा कि वो सरकार को ऐसी विलंबित (लेट) पेमेंट्स के बारे में टैक्स औडिट रिपोर्ट में इसकी सूचना अनिवार्य रूप से दे
सामान्य शब्दों में समझिए कि यदि आपके किसी माइक्रो स्माल सप्पलायर की 50 लाख की payment 31 मार्च की बैलेंसशीट में बाकी दिखती है, तो 50 लाख रुपये आपकी इनकम में जोड़ दिए जाएंगे, जिससे आपको 15 -17 लाख रुपये आपको इन्कमटैक्स के रूप में भरने होंगे। ये आपको उस वित्तीय वर्ष के अगले वर्ष में रिफंड ही मिल पाएंगे जब आप अपने सप्पलायर को भुगतान कर देंगे।
*उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए यह जो नियम बनाए गए हैं यह पूर्ण रूप से गलत नियम है सभी व्यापारी एक तरफ से इसका विरोध करते हैं क्योंकि किसी व्यापारी से जो माल आता है व्यापारी उधार लेकर उसको उधार आगे बेचता है तथा पैसा इकट्ठा करके पीछे से आने वाले व्यापारी को पैसा भेजती है जब उसको आगे से पेमेंट मिलेगा नहीं तो वह कैसे व्यापारी को इतनी जल्दी पीछे देगा. दूसरा एक तरफ से ब्याज का माल व्यापारियों के ऊपर है व्यापारी एक दो परसेंट पर काम कर रहा है ऊपर से सरकार के नए-नए नियम जो थोप दे रही है उस छोटे या मझौल व्यापारी निस्ते नाबूत हो जाएंगे वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा अपने व्यापारिक संगठन के साथ सभी व्यापारियों के तरफ से इस नियम का पुरजोर विरोध करते हैं. साथी एक नया नियम आया है जो सीसी एकाउंट बनते हैं उसमें 1 साल पर एक पर्सेंट टैक्स लगा दिया गया है यदि किसी व्यापारी ने 50 लाख लिया तो उसे पर एक परसेंट के हिसाब से 50000 तथा 18 पर्सेंट जीएसटी कुल मिलाकर 59000 कल अधिक देना होगा एक तरफ सरकार तो कम इंटरेस्ट बस सीसी एकाउंट खुलवाती है और पीछे से इंटरेस्ट और ठोक दे रही है जिससे व्यापारी खत्म हो जाएंगे तथा व्यापार बंद हो जाएगा सरकार से अनुरोध है कि इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए इन नियमों को शीघ्र अति शीघ्र खत्म करें