सत्ता नहीं स्वयं के परिवर्तन से होगा समाज का विकास: महेन्द्र कुमार

ब्यूरो रिपोर्ट संजय सिंह आजमगढ़ 

 

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षक और शिष्य के बीच की दूरी कैसे कम हो बनाई रणनीति

 

 

 

आजमगढ़ । अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उच्च शिक्षा संवर्ग के राष्ट्रीय प्रभारी एवं प्राथमिक संवर्ग के प्रदेश प्रभारी महेंद्र कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ अन्य ट्रेड यूनियनों से बिल्कुल अलग है। महासंघ न केवल शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करता है बल्कि शिक्षकों के साथ ही साथ विद्यार्थियों और समाज के बीच में सामंजस्य स्थापित कर देश के लिए सुयोग्य नागरिक तैयार करने का कार्य करता है। हमारे लिए राष्ट्र प्रथम हैं और हम शाश्वत जीवन मूल्यों के लिए कार्य करते हैं। महासंघ गुरु और शिष्य के बीच में पुरानी परंपरा और पुराने समर्पण भाव को स्थापित करने हेतु प्रयासरत है। महासंघ का मानना है कि विद्यार्थी और शिक्षक के बीच की दूरी समाप्त होनी चाहिए। बच्चा घर से रोता हुआ और विद्यालय से हंसता हुआ जाता है इस परंपरा को हमारे गुरुजन अपनी पारखी नजर और सूझबूझ से बदल सकते हैं। आज बच्चे को पहले पढ़ने की जरूरत है इसके बाद पढ़ाने की।

 

श्री कुमार जनपद मुख्यालय स्थित मंगलम मैरिज हाल में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ आजमगढ़ मंडल के तीनों जनपदों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यालय में गुरुजन इस तरह का वातावरण तैयार करें कि शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे का शिक्षक से मित्रवत संबंध हो जाए, जिसके पश्चात बच्चे विद्यालय हंसते हुए आए, पूरे समय तक रहें और जब वह विद्यालय से जाँय तो उनमें अगले दिन समय से विद्यालय आने का उत्साह हो।

 

 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का संपूर्ण भारत में एक विशेष स्थान है। 1988 में स्थापित महासंघ के पास आज संपूर्ण देश में 14 लाख से भी ज्यादा सदस्य हैं। शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाले दूसरे संगठन सत्ता परिवर्तन से ही समाज का परिवर्तन होना मानते हैं लेकिन महासंघ की मान्यता है कि व्यक्ति परिवर्तन से ही समाज का परिवर्तन संभव है। श्री कुमार ने कहा कि महासंघ राष्ट्रहित में शिक्षा, शिक्षा हित में शिक्षक और शिक्षक के हित में समाज की परिकल्पना पर कार्य करता है इसलिए महासंघ के प्रत्येक सदस्य एवं पदाधिकारी की यह जिम्मेदारी है कि हम पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए मां भारती को परम वैभव पर पहुंचाने के लिए संकल्पित हों।

 

महेंद्र कुमार ने आजमगढ़ मंडल के अंतर्गत आने वाले तीनों जनपदों मऊ, बलिया और आजमगढ़ का क्रमशः समीक्षा किया और तीनों जनपदों से आए प्रमुख पदाधिकारियों को पूरी क्षमता से लगकर न्याय पंचायत स्तर पर संगठन खड़ा करने का सुझाव दिया। उन्होंने सभी के कार्यों के लिए उत्साहवर्धन भी किया लेकिन साथ ही यह भी नसीहत दी कि संगठन द्वारा निर्धारित वर्ष के 3 कार्यक्रमों को आयोजित किया जाना प्रत्येक जनपदीय एवं ब्लॉक इकाई के लिए अनिवार्य है, यदि कोई जनपद अथवा ब्लॉक इकाई इन कार्यक्रमों को आयोजित नहीं करती है तो उसे स्वयं ही मान लेना चाहिए कि वह इकाई कालातीत हो चुकी है।

 

बैठक की अध्यक्षता प्रदेश उपाध्यक्ष राम प्रताप सिंह एवं संचालन मण्डल महामंत्री अनिल कुमार वर्मा ने किया तथा आभार प्रदर्शन मण्डल अध्यक्ष आजमगढ़ डाक्टर बजरंग बहादुर सिंह ने किया। इस अवसर पर मंडल संगठन मंत्री अरविंद कुमार आर्य, कार्यकारी जिलाध्यक्ष आजमगढ़ रासबिहारी यादव, अनिल मिश्रा, मनोज कुमार सिंह,अमित राय, सुजीत सिंह,हरिकेश मिश्रा, रवीन्द्र यादव, अमित सिंह, अरविन्द सिंह, रुपेश पांडेय, गिरीश चंद कुशवाहा, प्रमोद सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।

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