तहसील घोसी के बाढ़ संवेदनशील ग्राम चिउटीडाड़ में राहत चौपाल का आयोजन कर जिलाधिकारी ने स्थानीय लोगों को राहत चौपाल के उद्देश्यों से कराया अवगत

 

बाढ़ के दौरान आने वाली समस्याओं की जानकारी लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश।

 

आज जिलाधिकारी श्री अरुण कुमार की अध्यक्षता में तहसील घोसी के बाढ़ संवेदनशील ग्राम चिउटीडाड़ में राहत चौपाल का आयोजन किया गया।राहत चौपाल के आयोजन के दौरान जिलाधिकारी ने बाढ़ के दौरान सक्रिय विभागों से अब तक की गई तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी लेते हुए बेहतर कार्य योजना बनाकर बाढ़ के दौरान कार्य करने के निर्देश दिए, जिससे बाढ़ के दौरान कम से कम जन-धन की हानि हो। इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों से संवाद करते हुए बाढ़ के दौरान आने वाली समस्याओं के अलावा संबंधित ग्राम की अन्य समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राहत चौपाल के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य है कि प्रशासन ऐसे समस्त संभावित बाढ़ ग्रस्त गांवों में संबंधित विभागों के अधिकारियों साथ स्थानीय लोगों के बीच में जाकर उन्हें जिला प्रशासन की तैयारियों से अवगत कराएं।उन्होंने बताया कि राहत चौपाल के आयोजन के माध्यम से प्रशासन का प्रमुख उद्देश्य बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के निवासियों को राहत पहुंचाना है। इसके अलावा बाढ़ के दौरान उन्हें सहयोग भी प्रदान करना है, जिससे जनधन की कम से कम हानि हो। उन्होंने उपजिलाधिकारी घोसी को जनपद स्तरीय कंट्रोल रूम के नंबर 1077 एवं राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम के नंबर 1070 तथा 9454441081 का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करने तथा राहत चौपाल से संबंधित पंपलेट लोगों के बीच वितरित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बाढ़ के दौरान सिर्फ बड़ी नावों का प्रयोग करने को कहा। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में लाइफ जैकेट रखने के भी निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। उन्होंने गोताखोरों,नाविकों एवं वालॉन्टियर्स के संबंध में जानकारी लेते हुए उनकी सूची मोबाइल नंबर सहित रखने के निर्देश दिए, जिससे आवश्यक होने पर उनसे तत्काल संपर्क स्थापित कर आवश्यक कार्रवाई की जा सके।उन्होंने पंचायती राज विभाग को जलजमाव वाले स्थलों पर क्लोरीन का छिड़काव करने,पीने योग्य पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान विद्युत कटौती तथा राहत शिविरों में अनवरत विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। पशुपालन विभाग हेतु निर्धारित कार्यों की जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी ने बाढ़ के दौरान पर्याप्त मात्रा में चारे की व्यवस्था करने को कहा, इससे बाढ़ के दौरान विस्थापित पशु हेतु चारे की समस्या ना उत्पन्न हो सके। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग के अधीन सड़कों के मरम्मत के कार्य कराए जाने के भी निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए।इस दौरान उन्होंने राजस्व विभाग,सिंचाई विभाग, बाल विकास पुष्टाहार विभाग, ग्राम विकास विभाग,कृषि एवं खाद्य तथा रसद विभाग के अधिकारियों को बेहतर कार्य योजना बनाकर बाढ़ के दौरान कार्य करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग से किसी भी अधिकारी के उपस्थित ना होने पर उन्होंने संबंधित अधिकारी का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।उन्होंने उप जिलाधिकारी को बाढ़ से संबंधित विभागों के अधिकारियों एवं संभावित बाढ़ ग्रस्त ग्राम के वालंटियर्स का व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाने को कहा, जिससे बाढ़ के दौरान मौसम एवं बाढ़ की स्थिति को ग्रुप में शेयर किया जा सके एवं समय रहते लोगों को सजग किया जा सके। उन्होंने एनडीआरएफ का नंबर क्षेत्रीय अधिकारियों को भी अपने पास रखने को कहा जिससे किसी भी अप्रिय घटना से तत्काल निपटा जा सके। उन्होंने बाढ़ के दौरान सक्रिय रहने वाले समस्त विभागों को सचेत करते हुए गत वर्षों में उत्पन्न हुई समस्याओं से सबक लेने एवं सारी तैयारियां पहले से ही पूर्ण करने के निर्देश दिए।

राहत चौपाल के आयोजन के दौरान उपजिलाधिकारी घोसी सुरेश कुमार, खंड विकास अधिकारी दोहरीघाट, ग्रामीण स्तर पर कार्यरत समस्त सरकारी कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में संबंधित ग्राम सभा के लोग उपस्थित थे।

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