यूपी हेड रजनीकांत विश्वकर्मा
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने आगरा किले के ‘दीवान-ए-आम’ में शिव जयंती मनाने की अनुमति दे दी है। इससे पहले एएसआई ने आगरा किला क्षेत्र में शिव जयंती मनाने की अनुमति देने से इनकार किया था। इसके बाद शिवप्रेमी ने शिव जयंती पर भेदभाव का सवाल उठाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अब एएसआई ने इसकी अनुमति दे दी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस शिव जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे।
अजक्यिं देवगिरी प्रतष्ठिान इस क्षेत्र में शिव जयंती मनाने के लिए 11 नवंबर 2022 से अनुमति के लिए प्रयास कर रहा था लेकिन पुरातत्व विभाग द्वारा शिव जयंती मनाने की अनुमति देने से मना किया जा रहा था। उल्लेखनीय है कि करीब 350 साल पहले औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी महाराज और राजे संभाजी को आगरा में नजरबंद रखा था। औरंगजेब ने उस स्थान पर दोनों को मारने की योजना बनाई थी। उसके बाद शिवाजी महाराज बड़ी ललकार के साथ आगरा से सुरक्षित निकल भागे। मराठा इतिहास में इस घटना का विशेष महत्व है।
*प्रोजेक्शन मैपिंग शो से पत्थरों में दरारें पड़ीं*
आगरा किला के दीवान-ए-आम में 11 फरवरी को जी 20 के मेहमानों के लिए प्रोजेक्शन मैपिंग शो आयोजित किया गया था। इसमें तेज ध्वनि के कारण पत्थरों में दरारें पड़ गईं। चूना झड़ने लगा। ऐेसे में दिल्ली की कंपनी द्वारा किले में शुरू किए जाने वाले ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। अब कंपनी को सारे काम शुरू करने से पहले हर तरह की खामी को दूर करना होगा। उसके बाद भही अनुमति मिलेगी।