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अलीगढ़.

 कासिमपुर में एक के बाद एक यूनिट में खराबी आने की दिक्कत से उबरी हरदुआगंज तापीय परियोजना में अब कोयला का संकट बढ़ता जा रहा है। चारों यूनिट चालू हैं।

उत्पादन लगभग क्षमता के अनुसार हो रहा है। इसके लिए 18 हजार मीट्रिक टन कोयला हर रोज उपयोग किया जा रहा है। लेकिन, मंगलवार को कोयला की सप्लाई नहीं आई। छह रैक हर रोज सप्लाई परियोजना को मिल रही थी। पिछले कई दिनों से दो-तीन रैक मिल रही थी। यदि एक-दो दिन रैक न आईं तो कोयला का संकट बढ़ता चला जाएगा। इसका असर बिजली उत्पादन पर पड़ेगा। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है।

नहीं आई रैक तो प्रभावित हो सकता है बिजली उत्‍पादन

एक रैक में 57 बोगी होती हैं, जिनमें 4176 मीट्रिक टन कोयला होता है। मंगलवार को परियोजना के अधिकारी एक भी रैक न आने से परेशान नजर आए। कोयला संकट का कारण कोल इंडिया को भुगतान न हो पाना बताया जा रहा है। सोमवार तक कोल यार्ड में एक लाख 38 मीट्रिक टन थी, जो घट कर मंगलवार को 98 हजार मीट्रिक टन रह गई है। यह पांच से छह दिन के लिए पर्याप्त बताया जा रहा है। यदि एक-दो दिन रैक न आईं तो कोयला का संकट बढ़ता चला जाएगा। इसका असर बिजली उत्पादन पर पड़ेगा। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है।

1120 मेगावाट बिजली उत्पादन

परियोजना की चारों यूनिटों की बिजली उत्पादन क्षमता 1270 मेगावाट प्रतिदिन है। 1120 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। 110 मेगावाट की सात यूनिट नंबर सात से 95 मेगावाट, 250 मेगावाट की यूनिट नंबर आठ से 215 और 250 मेगावाट की यूनिट नंबर नौ से 240 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। सबसे अधिक 660 मेगावाट की यूनिट नंबर 10 से 570 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। परियोजना के महाप्रबंधक मनधीर सिंह ने बताया कोयला की स्थिति फिलहाल ठीक है। बिजली का उत्पादन मांग के अनुसार किया जा रहा है।